यागंती उमा महेश्वर मंदिर भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के कुरनूल के ऐतिहासिक जिले में स्थित सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर, जिसे श्री यागंती उमा महेश्वरा स्वामी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, भगवान शिव को समर्पित है और इसे देश के सबसे शक्तिशाली भगवान शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर में साल भर दुनिया भर से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।
यागंती मंदिर का इतिहास (Yaganti Temple History)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर का इतिहास 5 वीं शताब्दी का है, और इस मंदिर को भारत के दक्षिणी क्षेत्र में सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य ने किया था जो भगवान शिव के प्रिय थे। पिछले कुछ वर्षों में इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार हुआ है और अब यह पूजा के एक शानदार और पवित्र स्थान के रूप में खड़ा है।
यागंती उमा महेश्वर मंदिर की कथा (Legend Of Yaganti Uma Maheshwar Temple)
यागंती उमा महेश्वर के मंदिर के आसपास कई किंवदंतियां हैं, और सबसे लोकप्रिय में से एक वह है जिसमें राहु और केतु शामिल हैं, जो हिंदू धर्म में दो महत्वपूर्ण ग्रह देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि दोनों देवताओं ने इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की थी और उन्हें अपार शक्ति और शक्ति प्राप्त हुई थी।
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एक अन्य कथा के अनुसार, कहा जाता है कि मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार भगवान बालाजी ने अपनी पत्नी देवी पद्मावती के साथ यात्रा की थी। मंदिर की वास्तुकला को भारत की प्राचीन सभ्यता का विस्मयकारी साक्ष्य भी कहा जाता है।
यागंती मंदिर में नंदी के बढ़ने का रहस्य (Mystery Of Growing Nandi In Yaganti Temple)
नंदी को भगवान शिव का वाहन माना जाता है और शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। यागंती मंदिर में नंदी की मूर्ति काले ग्रेनाइट से बनी है और कहा जाता है कि यह दक्षिण भारत में सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। मूर्ति लगभग 15 फीट लंबी और 9 फीट ऊंची है, और माना जाता है कि यह 5,000 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है।
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इस नंदी मूर्ति के दिलचस्प पहलुओं में से एक यह है कि यह समय के साथ आकार में बढ़ती हुई प्रतीत होती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, शुरुआत में मूर्ति अपने वर्तमान आकार से बहुत छोटी थी। हालाँकि, वर्षों से, यह बढ़ रहा है, और अब कहा जाता है कि यह लगभग मंदिर की छत को छू रहा है।
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नंदी की मूर्ति क्यों बढ़ रही है, इसके बारे में कुछ सिद्धांत हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र या मंत्रों के जाप और प्रार्थनाओं के कारण होने वाले मजबूत कंपन के कारण है। दूसरों का कहना है कि यह भगवान शिव का चमत्कार है, जो अपने आशीर्वाद के संकेत के रूप में मूर्ति को विकसित कर रहे हैं।
नंदी की मूर्ति का आकार बढ़ाने के वैज्ञानिक निष्कर्ष (Scientific Explanation Of Increasing Nandi Idol Size)
इस घटना से चकित होकर, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने नंदी की मूर्ति का अध्ययन किया है और कुछ दिलचस्प निष्कर्ष निकाले हैं। उनके अनुसार, नंदी की मूर्ति आकार में नहीं बढ़ रही है, बल्कि यह वास्तव में मंदिर की संरचना है जो जमीन में धंस रही है। इस डूबने की गति के कारण मूर्ति अपने मूल आकार से बड़ी दिखाई दे रही है।
वैज्ञानिक स्पष्टीकरण के बावजूद, भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि भगवान शिव के आशीर्वाद के कारण मूर्ति का विकास हो रहा है। वे दूर-दूर से अपनी प्रार्थना करने और भगवान शिव और नंदी का आशीर्वाद लेने आते हैं। मंदिर उन पर्यटकों और आगंतुकों को भी आकर्षित करता है जो नंदी की बढ़ती मूर्ति की अनूठी घटना को देखने के लिए उत्सुक हैं।
यागंती उमा महेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश की वास्तुकला (Architecture Of Yaganti Uma Maheshwar Temple Andhra Pradesh)
यगंती उमा महेश्वर मंदिर, अपनी जटिल और विस्मयकारी वास्तुकला के साथ, भारत के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार, जिसे त्रिपुरंथक द्वार के रूप में जाना जाता है, का निर्माण चालुक्य वंश द्वारा किया गया था। मंदिर अपने आप में द्रविड़ मंदिर वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है, और इसमें चालुक्य, चोल और विजयनगर राजवंशों की शैलियों का एक दिलचस्प मिश्रण है।
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मंदिर के मुख्य गर्भगृह में एक स्वयंभू लिंग या भगवान शिव का स्वयं विकसित लिंग है। मंदिर में कुछ दिलचस्प मूर्तियां और नक्काशियां भी हैं, जिनमें देवी सरस्वती और दुर्गा की मूर्तियां भी शामिल हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि सूर्य का प्रकाश वर्ष के विशिष्ट दिनों में ही स्वयंभू लिंग पर पड़ता है।
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यागंती उमा महेश्वर मंदिर में मनाए जाने वाले त्यौहार (Festivals Celebrated At Yaganti Uma Maheshwar Temple)
यागंती उमा महेश्वर का मंदिर साल भर में कई त्योहार मनाता है। यहां के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक महा शिवरात्रि है जिसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। देश भर से भक्त इस शुभ दिन पर अपनी प्रार्थना करने के लिए यहां आते हैं। यहां मनाए जाने वाले अन्य त्योहारों में संक्रांति, विनायक चतुर्थी और नवरात्रि शामिल हैं।
यागंती उमा महेश्वर मंदिर का पता (Address Of Yaganti Uma Maheshwar Temple)
उमा महेश्वर मंदिर, 518003, डब्ल्यू एस कॉलोनी, नेहरू ऑटो नगर, कुरनूल, आंध्र प्रदेश 518003
यगंती उमा महेश्वर मंदिर का समय (Timings Of Yaganti Uma Maheshwar Temple)
सोमवार से रविवार: सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
अभिषेकम समय (Abhishekam Timings)
सोमवार से रविवार: सुबह 6:00 - दोपहर 1:00 बजे
यगंती उमा महेश्वर मंदिर के पास पर्यटन स्थल (Tourist Places Near Yaganti Uma Maheshwar Temple)
बेलम गुफाएं: बेलम गुफाएं कुरनूल जिले में स्थित भारत की सबसे बड़ी और सबसे लंबी गुफाओं में से एक है। गुफाओं में अद्भुत चट्टानें हैं और उनके माध्यम से बहने वाली भूमिगत धाराएँ हैं।
कुरनूल का किला: कुरनूल का किला 16वीं शताब्दी में कुरनूल नवाबों द्वारा बनवाया गया था। यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और शहर के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
महानंदी मंदिर: महानंदी मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है और तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसके परिसर के भीतर गर्म झरने हैं।
जगन्नाथ हिल: जगन्नाथ हिल कुरनूल के करीब स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह प्रकृति प्रेमियों और साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है।
ओरावकल्लू रॉक गार्डन: ओरावकल्लू रॉक गार्डन कुरनूल जिले में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। प्राकृतिक रूप से बनी चट्टानें और सुंदर दृश्य इसे एक दिन की यात्रा के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।
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रोलापाडू वन्यजीव अभयारण्य: रोलापाडु वन्यजीव अभयारण्य विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है, जिनमें काले हिरण, पक्षी और सरीसृप शामिल हैं। यह प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है।
कोंडा रेड्डी किला: कोंडा रेड्डी किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और आसपास के परिदृश्य का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। कुरनूल में यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
अदोनी किला: अदोनी किला विजयनगर साम्राज्य द्वारा निर्मित एक प्राचीन किला है। किले में प्रभावशाली वास्तुशिल्प और रक्षात्मक विशेषताएं हैं जो अच्छी तरह से संरक्षित हैं।
अहोबिलम मंदिर: अहोबिलम मंदिर पूर्वी घाट की तलहटी में स्थित भगवान नरसिम्हा को समर्पित एक लोकप्रिय मंदिर है। यह हर साल बहुत सारे भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
यागंती उमा महेश्वर मंदिर जाने का सबसे अच्छा मौसम (Best Time To Visit Yaganti Uma Maheshwar Temple)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों (अक्टूबर से मार्च) के दौरान होता है क्योंकि मौसम सुहावना होता है और मंदिर की यात्रा के लिए उपयुक्त होता है।
कैसे पहुंचे यगंती उमा महेश्वर मंदिर (How To Reach Yaganti Uma Maheshwar Temple)
वायु द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो यागंती से लगभग 280 किमी दूर है।
ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन नंद्याल रेलवे स्टेशन है जो यागंती से लगभग 25 किमी दूर है।
सड़क मार्ग से: APSRTC की बसें और निजी बसें कुरनूल, हैदराबाद और बैंगलोर जैसी जगहों से यागंती तक पहुँचने के लिए उपलब्ध हैं।
यागंती उमा महेश्वर मंदिर के पास आवास (Accommodation Near Yaganti Uma Maheshwar Temple)
मंदिर के पास कुछ गेस्ट हाउस हैं जो रहने की अच्छी सुविधा प्रदान करते हैं। वैकल्पिक रूप से, आगंतुक नंद्याल, कुरनूल और हैदराबाद जैसे आसपास के शहरों में ठहर सकते हैं, जहां कई प्रकार के होटल और लॉज हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। इसका समृद्ध इतिहास, विस्मयकारी वास्तुकला, और धार्मिक महत्व इसे किसी भी धर्मनिष्ठ हिंदू के लिए जरूरी मंदिर बनाते हैं। पूजा का यह पवित्र स्थान आपके मन पर एक स्थायी छाप छोड़ने के लिए बाध्य है और आपके दिल में हमेशा के लिए बना रहेगा।
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