गुजरात के साबरकांठा जिले में स्थित सप्तेश्वर महादेव मंदिर, भारत में भगवान शिव के सबसे प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यह मंदिर 8वीं या 9वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान बनाया गया था, जो इसे एक हजार साल से अधिक पुराना बनाता है। यह साबरमती नदी के तट पर स्थित है और सुंदर अरावली पर्वत से घिरा हुआ है।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास (Sapteshwar Mahadev History)
सप्तेश्वर नाम का कारण यह है कि सप्तेश्वर महादेव, जिन्हें सप्तऋषियों के देवता के रूप में भी जाना जाता है, का नाम सात ऋषियों कश्यप, व्रत, विश्वामित्र, भारद्वाज, अत्रि, जमदग्नि और गौतम के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इस मंदिर में साधना, आराधना और भक्ति की थी।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक कथा (Mythology Of Sapteshwar Mahadev Temple)
मंदिर को सप्तेश्वर शिव मंदिर के रूप में भी जाना जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां सात देवताओं के अवतार के रूप में पूजा जाता है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्मांड के निर्माण, जीविका और विनाश के लिए जिम्मेदार हैं। सात देवता ब्रह्मांड के सात कार्यों को करने वाले माने गए हैं।
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सप्तेश्वर महादेव मंदिर का महत्व (Significance Of Sapteshwar Mahadev Temple)
सप्तेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। हर साल हजारों भक्त इस मंदिर में आशीर्वाद लेने और पूजा अर्चना करने आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से शांति, समृद्धि और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर अपने धार्मिक महत्व के अलावा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक भी है। मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में किया गया है और माना जाता है कि कई प्रसिद्ध संतों ने इसका दौरा किया था।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर की वास्तुकला (Architecture Of Sapteshwar Mahadev Temple)
मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय और प्रभावशाली है। मंदिर पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली की वास्तुकला में एक ऊंचे शिखर के साथ बनाया गया है, जो जटिल नक्काशी और मूर्तियों से सुशोभित है। मंदिर की दीवारों को भी सुंदर नक्काशी और मूर्तियों से सजाया गया है जो हिंदू पौराणिक कथाओं के विभिन्न दृश्यों को दर्शाती हैं।
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मंदिर में एक बड़ा प्रांगण है, जो विभिन्न देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिरों से घिरा हुआ है। भगवान शिव का मुख्य मंदिर प्रांगण के केंद्र में स्थित है और सुंदर सजावट और जटिल नक्काशी से सुशोभित है।
सप्तेश्वर महादेव रहस्य (Sapteshwar Mahadev Mystery)
ये पानी की सात धाराएं हैं जो चट्टानों के माध्यम से एक अज्ञात स्रोत से दिन में 24 घंटे, साल में 365 दिन लगातार शिव लिंग का अभिषेक करती हैं। पानी की ये सात धाराएँ मंदिर के प्रलेखित इतिहास में कभी भी नहीं रुकी हैं, चाहे कोई भी मौसम हो- गर्मी, सर्दी, बारिश या पतझड़।
जल धाराओं की उत्पत्ति का स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है, लेकिन अभी तक कुछ भी खोजा नहीं गया है।
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सप्तेश्वर महादेव मंदिर में मनाए जाने वाले त्यौहार (Festivals Celebrated At Sapteshwar Mahadev Temple)
मंदिर साल भर में कई त्योहारों और समारोहों का स्थल भी है। सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि है, जिसे दुनिया भर के भक्तों द्वारा बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, मंदिर को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है, और भक्त उपवास करते हैं और भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर का पता (Address Of Sapteshwar Mahadev Temple)
सप्तेश्वर महादेव मंदिर सप्तेश्वर, साबरकांठा, गुजरात - 383307 में स्थित है।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर का समय (Timings Of Sapteshwar Mahadev Temple)
सप्तेश्वर महादेव मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर के पास देखने लायक पर्यटन स्थल (Tourist Places To See Near Sapteshwar Mahadev Temple)
यदि आप घुमने के मूड में हैं, तो यह सूची सप्तेश्वर महादेव मंदिर के पास साबरकांठा, गुजरात में घुमने लायक स्थानों के बारे में जानकारी देगी।
शूलपाणेश्वर वन्यजीव अभयारण्य (Shoolpaneshwar Wildlife Sanctuary)
साबरकांठा के घने जंगलों में स्थित, शूलपानेश्वर वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक ज़रूरी यात्रा है। यह बाघ, तेंदुआ, भालू और पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों सहित विभिन्न प्रकार के जानवरों का घर है।
इदर किला (Idar Fort)
15वीं शताब्दी में निर्मित, इदर किला वास्तुशिल्प प्रतिभा और दिलचस्प इतिहास का दावा करता है। किला आसपास के क्षेत्र के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है और स्थानीय लोगों के बीच एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
पोलो फ़ॉरेस्ट (Polo Forest)
साबरकांठा में विजयनगर के पास स्थित, पोलो फ़ॉरेस्ट एक घना जंगल है जो शहर के जीवन की हलचल से दूर एक शांत और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। यह ट्रेकिंग, बर्डवॉचिंग और कैम्पिंग के लिए एक आदर्श स्थान है।
हाथीसिंह जैन मंदिर (Hathisingh Jain Temple)
साबरकांठा में हाथीसिंह जैन मंदिर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।
वडला हनुमान मंदिर (Vadla Hanuman Temple)
वडला हनुमान मंदिर साबरकांठा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और देश भर से बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है।
अंबिका माता मंदिर (Ambika Mata Temple)
अंबिका माता मंदिर साबरकांठा में देवी अंबिका को समर्पित एक और लोकप्रिय मंदिर है। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और आसपास के क्षेत्र के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है।
केदारनाथ महादेव मंदिर (Kedarnath Mahadev Temple)
केदारनाथ महादेव मंदिर साबरकांठा के पास स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू कैलेंडर के श्रावण महीने के दौरान बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
धरोई बांध (Dharoi Dam)
धरोई बांध गुजरात के सबसे बड़े बांधों में से एक है और साबरकांठा के पास स्थित है। बांध एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, और जलाशय पर नाव की सवारी एक अनूठा और ताज़ा अनुभव प्रदान करती है।
पोशिना (Poshina)
साबरकांठा में पोशिना एक सुरम्य गांव है जो अपनी पारंपरिक कला और शिल्प के लिए प्रसिद्ध है। यह गांव गरासिया जनजाति का घर है और सुंदर मंदिरों, हरी-भरी हरियाली और सुंदर परिदृश्य का दावा करता है।
मोढेरा सूर्य मंदिर (Modhera Sun Temple)
साबरकांठा के पास स्थित मोढेरा सूर्य मंदिर, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है। मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है और दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
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सप्तेश्वर महादेव मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Sapteshwar Mahadev Temple)
साबरकांठा, गुजरात में सप्तेश्वर महादेव मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक सर्दियों के मौसम के दौरान होता है जब मौसम दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए सुखद और आरामदायक होता है।
सप्तेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे (How To Reach Sapteshwar Mahadev Temple)
अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट जैसे आसपास के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
हवाईजहाज से सप्तेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे (By Air)
मंदिर तक पहुँचने के लिए, अहमदाबाद हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी जा सकती है, जो साबरकांठा से लगभग 80 किमी दूर है। वहां से कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है या मंदिर के लिए बस ले सकता है।
ट्रेन से सप्तेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे (By Train)
एक अन्य विकल्प साबरकांठा रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन लेना है, जो गुजरात के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से, कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है या मंदिर तक पहुँचने के लिए बस ले सकता है।
सड़क द्वारा सप्तेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे (By Road)
यदि आप सड़क मार्ग से आ रहे हैं, तो साबरकांठा राज्य राजमार्गों द्वारा गुजरात के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है या अहमदाबाद या गांधीनगर जैसे नजदीकी शहरों से मंदिर तक पहुंचने के लिए बस ले सकता है।
कुल मिलाकर, सप्तेश्वर महादेव मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य जाना चाहिए। मंदिर की शांत सेटिंग, प्रभावशाली वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे यात्रा के लिए एक अद्वितीय और विशेष स्थान बनाते हैं।
1 Comments
There isn't any essential facilities like public toilets and drinking water... મંદિર પરિસરમાં પીવાના પાણીની વ્યવસ્થા પણ નથી કે કોઈ જાહેર શૌચાલય-મૂતરડી પણ નથી. પાર્કિંગ પણ અવ્યવસ્થા સર્જે છે. આયોજનો અભાવ એ આ પરિસરને કલંકિત કરે છે
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